औरैया 08 फरवरी 24-फफूंद कस्बे के एक्सिस पब्लिक स्कूल में हिंदी सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन कक्षा 4 से 8 तक हुआ। विद्यालय के डायरेक्टर दीपक दीक्षित ने बताया कि हस्तलेखन केवल शब्दों को कागज पर उकेरने का एक सरल कार्य नहीं है यह रचनात्मकता की अभिव्यक्ति है किसी के व्यक्तित्व का अनोखा प्रतिबिंब है।
गुरुवार को एक्सिस पब्लिक स्कूल में हुई हिंदी सुलेख प्रतियोगिता में कक्षा 4 से 8 तक के बच्चों ने भाग लिया जिसमें कक्षा 7 की फातिमा को पहला कक्षा 8 की शिवांगी को दूसरा तथा कक्षा 6 की कनक को तीसरा स्थान मिला। स्कूल प्रधानाचार्य गुरमीत सिंह ने बताया कि इस प्रतियोगिता के माध्यम से हमारा लक्ष्य भाषा के प्रति प्रेम को बढ़ावा देना और प्रोत्साहित करना है साथ ही लिखावट की कला में महारत हासिल करने के लिए किए गए कौशल और प्रयास की सराहना करना है। इस डिजिटल युग में जहां टाइपिंग आम बात हो गई है वहीं हिंदी हस्तलेखन प्रतियोगिता हस्तलिखित शब्द की सुंदरता और आकर्षण को पुनर्जीवित करने का प्रयास करती है। खूबसूरती से तैयार किए गए अक्षरों को एक पृष्ठ पर निर्बाध रूप से प्रवाहित होते हुए पाठकों को मंत्रमुग्ध करते हुए और एक स्थायी प्रभाव छोड़ते हुए देखने में एक निश्चित आनंद होता है। हमारा मानना है कि लिखावट न केवल संचार के साधन के रूप में बल्कि हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और भाषाई कौशल के प्रमाण के रूप में भी बहुत मूल्यवान है। इस अवसर पर विद्यालय के एकेडमिक इंचार्ज तान्या त्रिपाठी, उप प्रधानाचार्य शिवम त्रिपाठी, पीटीआई अंकित, गौरवेंद्र, नीरज, देवराज, शोएब, सत्येन्द्र सहित समस्त स्टाफ मौजूद रहा।
गुरुवार को एक्सिस पब्लिक स्कूल में हुई हिंदी सुलेख प्रतियोगिता में कक्षा 4 से 8 तक के बच्चों ने भाग लिया जिसमें कक्षा 7 की फातिमा को पहला कक्षा 8 की शिवांगी को दूसरा तथा कक्षा 6 की कनक को तीसरा स्थान मिला। स्कूल प्रधानाचार्य गुरमीत सिंह ने बताया कि इस प्रतियोगिता के माध्यम से हमारा लक्ष्य भाषा के प्रति प्रेम को बढ़ावा देना और प्रोत्साहित करना है साथ ही लिखावट की कला में महारत हासिल करने के लिए किए गए कौशल और प्रयास की सराहना करना है। इस डिजिटल युग में जहां टाइपिंग आम बात हो गई है वहीं हिंदी हस्तलेखन प्रतियोगिता हस्तलिखित शब्द की सुंदरता और आकर्षण को पुनर्जीवित करने का प्रयास करती है। खूबसूरती से तैयार किए गए अक्षरों को एक पृष्ठ पर निर्बाध रूप से प्रवाहित होते हुए पाठकों को मंत्रमुग्ध करते हुए और एक स्थायी प्रभाव छोड़ते हुए देखने में एक निश्चित आनंद होता है। हमारा मानना है कि लिखावट न केवल संचार के साधन के रूप में बल्कि हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और भाषाई कौशल के प्रमाण के रूप में भी बहुत मूल्यवान है। इस अवसर पर विद्यालय के एकेडमिक इंचार्ज तान्या त्रिपाठी, उप प्रधानाचार्य शिवम त्रिपाठी, पीटीआई अंकित, गौरवेंद्र, नीरज, देवराज, शोएब, सत्येन्द्र सहित समस्त स्टाफ मौजूद रहा।