अब सावन में न रही पहले वाली बात

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सावन में पहले जैसी नहीं सुनाई देती गीत मल्हारों की स्वर लहरियां-रिमझिम फुहारों में झूलों पर पैगें बढ़ाती महिलाओं की टोलियां भी है गुम औरैया 31 जुलाई 23-सावन के मनमोहक माह में रिमझिम बारिश की फुहारों के बीच बागों में पड़े झूलों पर पैगें बढ़ाकर सावन गीत मल्हारों की स्वरलहरियां अब कहीं दूर-दूर तक नजर नहीं आती है। खेतों में धान की रोपाई करती महिलाओं के गीतों को भी किसी की शायद नजर सी लग गई है। जिले में सावन माह की शुरुआत होते ही खासकर युवक-युवतियों का मन मयूर हिलोरे मारते हुए नाचने लगता था। रिमझिम फुहारों के बीच बागों में जगह-जगह झूले पड जाते थे और उन पर पैगें बढ़ाकर सावन गीतों मल्हारों की गूंजती युवतियों की स्वरलहरियां भी दूर-दूर तक कहीं सुनाई नहीं देती थीं जिससे लोग मंत्र मुग्ध हो जाते थे।
इस समय सावन का मनमोहक माह अपनी छटा बिखेर रहा है वही रिमझिम बारिश के बीच हर किसी का मन मयूर हिलोरे मार रहा है लेकिन पता नहीं पाश्चात्य सभ्यता की भारतीय परंपराओं त्यौहारों को ऐसी नजर लगी है कि  सावन के माह में भी पेड़ों पर दूर-दूर तक ना तो झूले पड़े नजर आ रहे हैं और ना ही कहीं सावन गीत मल्हार व आल्हा के ही स्वर सुनाई दे रहे हैं। यही नहीं खेतों में धान की रोपाई में महिलाएं तो तेजी पर जुटी नजर आ रही है लेकिन अब खेतों में पहले जैसे महिलाओं के परंपरागत गीत मल्हारों के स्वर गूंजते नहीं सुनाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं सावन के महीने में गांवों की चौपालों में आल्हा सुनने वालों की महफिलें भी कहीं नहीं दिखाई देती है। पहले सावन के महीने का लोग बहुत बेसब्री से इंतजार करते थे वहीं तमाम युवतियां महिलाएं अपने प्रियतम के विरह में भाव विभोर होकर गीत मल्हारें इतने मीठे स्वर में गाती थीं कि लोग सुध बुध भूल कर गीत मल्हारें सुनने में मस्त हो जाते थे लेकिन पिछले लगभग दो दशक से वक्त की ऐसी नजर लगी कि यह परंपरागत गीत मल्हारों के स्वर गुम से होते नजर आ रहे हैं। अब तो देखने में आ रहा है कि शायद गांवों में भी युवक युवतियां पुरानी परंपराओं को भूल कर रात दिन मोबाइलों पर ही अपना मनोरंजन करती नजर आती हैं। जिले के बुद्धिजीवियों का मानना है कि यदि पुरानी परंपराओं त्यौहारों व भारतीय संस्कृति के प्रति मौजूदा युवा पीढ़ी व बच्चों को जागरूक न किया गया तो जिले के लोगों के सावन के महत्व को भी भूल जाने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।                                                                                                              साभार

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