औरैया नगरी आज बन गयी अयोध्या 

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औरैया 22 जनवरी 24-आज राम अपने भव्य मंदिर में क्या विराजे औरैया में तो जैसे उत्सव का माहौल बन गया, हर सड़क, गली, चौराहे पर भोग प्रसाद भंडारे बटने लगे, जगह-जगह आम लोगों द्वारा लगायी गयी एल.इ.डी. टी.वी. से लोग प्राण प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण देखकर आनंदित हो रहे थे, देर शाम लोगों ने मंदिरों में जाकर दीप जलाए फिर घरों को दीप जलाकर सजाया और जमकर आतिशबाजी चला कर भगवान राम के आने का स्वागत किया देर रात तक आतिशबाजियों के धूम धड़ाका लोगों को सुनाई देता रहा,

वैसे तो औरैया नगरी धर्मभीरु जनमानस की नगरी जानी जाती है, यहां पर नित्य ही कहीं ना कहीं कोई ना कोई धार्मिक अनुष्ठान चल ही रहा होता है, भागवत और अखंड रामायण तो यहां आम बात है, कोई भी कहीं से भी कभी भी आकर सुन सकता है, कहीं न कहीं ऐसे आयोजन चलते मिल ही जायेंगे , लेकिन आज जब अयोध्या में रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए, तो अयोध्या ही नहीं अपितु पूरे भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी आज राम नाम की धूम मची रही, भारत के अति विशिष्ट अतिथियों का आज अयोध्या नगरी में मेला लगा, तो वही सम्पूर्ण भारत का तमाम संत समाज राम लला के दर्शन को लालायित नजर आ रहा था, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने आज मुख्य यजमान बनकर सम्पूर्ण यम नियमों का पालन करते हुए रामलला को टेंट से मुक्ति दिलवाकर उन्हें भव्य मंदिर में विराजमान कर दिया, साथ ही आज के इस दिन के लिए उन्होंने भारत के आम जनमानस से अपील भी की थी कि वह प्राण प्रतिष्ठा के दिन अयोध्या ना आवे बल्कि उनके आसपास जो भी मंदिर हो वहां जाकर राम नाम का एक दीपक जरूर जलाएं और भजन कीर्तन और अनुष्ठान भी करें, इस आग्रह का पूरे भारत समेत हमारी औरैया नगरी में ऐसा असर दिखा कि आज तक धर्मावलंबियों की नगरी माने जाने वाली औरैया में न तो इतने भंडारे हुए कभी एक साथ हुए और न ही इतने स्थानों पर एक साथ कभी प्रसाद बांटा गया और न ही एक साथ सभी मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया, अमूमन यह देखने में आया है कि जब नवदुर्गा का पर्व आता है तो देवी मंदिर में माता की धूम मचती है जबकि अन्य देवालय लगभग सूने से पाए जाते हैं, इसी प्रकार जब सावन के सोमवार होते हैं और महाशिवरात्रि का पर्व आता है तो शिवालयों में भोले बाबा के भक्तों के जलाभिषेक और रुद्राभिषेक के साथ-साथ बम भोले के नारे आकाश को भी भेदते नजर आते हैं,                            लेकिन आज तो ऐसा भव्य नजारा देखने मिला जिसकी कल्पना तो औरैया निवासियों ने तो नहीं की थी शायद ही कोई ऐसी गली बची हो जहां रामनामी झंडा और झंडियां न लगाई गई हो, ऐसा कोई मंदिर नहीं था जहां राम नाम जप या अखंड रामायण या अन्य कोई राम से संबंधित अनुष्ठान न चल रहा हो, मंदिर तो छोड़िए आज के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में लोगों ने स्वयं बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, किसी ने हलवा बनवाकर बांटा, तो किसी ने खीर बांटी, तो कहीं भंडारे का आयोजन चलता दिखाई दिया तो कहीं बूंदी का प्रसाद बंटता हुआ नजर आया हर जगह केवल एक ही नाम “जय श्री राम” “जय श्री राम”,

जगह जगह पर अयोध्या में चल रहे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण लोगों को दिखाने के लिए अपने घरों की एलइडी टीवी सड़क पर और गली मोहल्ले में लगा दिए गए जिससे कि भगवान श्री राम की जन्म भूमि अयोध्या में हो रही प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम आमजन आसानी से देख सके, हर चौराहे को राम नाम से सजाकर सराबोर कर दिया गया, देर शाम लोगों ने मंदिरों में जाकर दीप जलाए फिर घरों को दीप जलाकर सजाया और जमकर आतिशबाजी चला कर भगवान राम के आने का स्वागत किया देर रात तक आतिशबाजियों के धूम धड़ाका लोगों को सुनाई देता रहा,
मौका भी था 500 सालों के इंतजार का और इतने लंबे इंतजार के बाद इस घड़ी का मानो हिंदू समाज को बड़ी बेसब्री से इंतजार था, इस दिन के लिए कितने ही कार सेवकों और राम भक्तों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी तब जा कर आज यह शुभ दिन आया है, जिसके लिए तैयारी भी बहुत दिनों से की जा रही थी, केवल हिंदू ही नहीं बल्कि मुस्लिम भाई भी आजप्राण प्रतिष्ठा के इस कार्यक्रम में बढ़-चढ कर हिस्सा ले रहे थे, और भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा पर लोगों को बधाइयां दे रहे थे, कुल मिलाकर आज का दिन ऐतिहासिक भी रहा और इतिहास बदलने वाला भी, हर चेहरे पर आज राम नाम की चमक देखते ही बनती थी लोग बड़े खुश थे कि मेरे राम को अब टेंट से मुक्ति मिल गई और उन्हें अपना भव्य स्थान मिल गया प्रेम से बोलो जय श्री राम

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